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विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई

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विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई
भारत की शान है हिंदी

इस सदी के महानायक हिंदी फिल्मों के सरताज आदरणीय अमिताभ बच्चन जी की एक फिल्म नमक हलाल का एक संवाद था ,”आई केन टाक इंग्लिश ,आई केन वाक् इंग्लिश एंड आई केन लाफ इंग्लिश बिकाज़ इंग्लिश इज ए फन्नी लैग्वेज ,भैरो बिकम्स बायरन एंड बायरन बिकम्स भैरों ,देयर माइंड इज नैरो ” जी हाँ अच्छी टांग तोड़ अंग्रेजी बोली थी उन्होंने उस फिल्म में और ऐसी ही टूटी फूटी हास्यप्रद अंग्रेजी बोल कर हमारे ही देश भारत के वासी अपने पढ़े लिखे होने का सबूत देते है ,कितनी शर्म की बात है कि अपनी मातृ भाषा हिंदी में बात न कर के हम विदेशी भाषा बोल कर गर्व महसूस करते है,और ऐसा करने के लिए मजबूर हो जाते है हिंदी भाषी स्कूलों से शिक्षित हुए हमारे देश के कई युवावर्ग जो अपने आप को अंगेजी भाषा बोलने वालों के समक्ष हीन भावना से बचने की कोशिश में उपहास का पात्र बन जाते है ,जबकि हम सहजता से हिंदी में बोल कर अपनी बात को सरलता से अभिव्यक्त कर सकते है |
क्या हमारी मानसिकता अभी भी अंग्रेजों की गुलाम बनी हुई है ?क्या पढ़े लिखे होने का अर्थ केवल अंग्रेजी का ज्ञान होना है ?क्या बुद्धिजीवी सिर्फ अंग्रेजी भाषी ही हो सकते है ?ऐसे कई अनगिनत प्रश्न है जो भारत की प्रगति के आड़े आ रहे है ,इसके लिए कौन दोषी है ?कब तक इस देश की विकलांग शिक्षा प्रणाली को हम घसीटते जाएँ गे ? क्या कभी हिंदी भाषी सरकारी स्कूलों में पढने वाले छात्रों और अंग्रेजी भाषी स्कूलों में पढने वाले छात्रों के बीच बढ़ती हुई खाई भर पाए गी ? हमारी शिक्षा प्रणाली में स्नातक होने के लिए छात्रों को अंग्रेजी विषय लेना और उसमे उतीर्ण होना आवश्यक है ,क्यों अंग्रेजी की तरह ही हिंदी भाषा को भी शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत मुख्यधारा में नही लाया जा सकता जबकि इस दुनिया का हर देश अपनी शिक्षा प्रणाली में अपने देश की भाषा को प्राथमिकता देते है ,जैसा की रूस में शिक्षा ग्रहण करने के लिए रूसी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है और ,चीन में शिक्षा लेने के लिए चीनी भाषा आनी चाहिए तो भारत में हिंदी को क्यों नही प्राथमिकता दी जाती ?जब तक हमारी शिक्षा प्रणाली में हिंदी को उचित स्थान नही मिलता तब तक हिंदी सम्मानजनक रूप से मुख्य धारा में उचित स्थान कैसे प्राप्त कर सकती है |
हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसने अनेकता में एकता को बाँध रखा है ,गीतकार इकबाल का लिखा गीत सारे ”जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा”की पंक्ति ,”हिंदी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ”ने स्वतंत्रता की लड़ाई के समय सभी धर्मों के लोगों को एकजुट कर महत्वपूर्ण योगदान दिया था ,इस में कोई दो राय नही कि सम्मान की हकदार है हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी, हमारे भारत की शान है हिंदी ,केवल यही एक भाषा है जिसे अनेक राज्यों में बोला जाता है|आज़ादी के बाद हमारे संविधान ने इसे राज भाषा का मान दिया जिसके अनुसार सभी राजकीय कार्य हिंदी भाषा में ही होने चाहिए ,लेकिन इस भाषा का उपयोग करते समय कई बार ऐसे जटिल शब्द प्रयोग में लाये जाते है जिनके अर्थ समझना थोड़ा कठिन हो जाता है| अगर इस भाषा को जटिल न बना कर हम इसे सरल और व्यवहारिक रूप में इस्तेमाल करें तो न केवल इसका रूप निखरेगा बल्कि इस भाषा को अधिक से अधिक लोग इस्तेमाल करेने लगेंगे |

हिंदी हमारी
पहचान अपनी
जान हमारी
……………
राष्ट्र की भाषा
मिले सम्मान इसे
है मातृ भाषा
……………..
आन है यह
भारत हमारे की
शान है यह

जय भारत जय हिंदी

रेखा जोशी

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