Zindagi Zindagi
- 319 Posts
- 2418 Comments
साँसों की डोर से
बंधी
मेरी यह ज़िंदगी
है चलती जा रही
….
ज़िंदगी की धुन पर
थिरकती
मेरी सारी हसरतें
है गीत गा रही
…
वह इच्छाएँ
बरसों से जिन्हे
था दबा रखा मैने
न जाने क्यों
मचल मचल कर सीने में
पूरा होना
है अब चाह रही
…
न जाने कब टूट जाये
यह साँसों की डोर
और
बिखर जाये सारे सुर
ज़िंदगी की धुन के
और
रह जायें यूँही
मेरी चाहते अधूरी
इससे पहले मेरी
अनकही कहानी
पूरा होना
है अब चाह रही
….
रेखा जोशी
Read Comments