Zindagi Zindagi
- 319 Posts
- 2418 Comments
तुम कौन
पहचानते खुद को
मुखौटों के भीतर छिपा चेहरा
क्यों नही स्वीकारते
इस सत्य को
क्यों झुठला रहे स्वयं को
कर पाते अंतर जो
सत्य असत्य में
उषा निशा में
उजाले अंधकार में
दिन रात में
छोड़ तमस निकालो खुद को
समझ लो
जिस दिन तुम
स्वीकारो गे खुद को
पहचान पाओगे तुम अपने
वास्तविक रूप को
लौट आयेगी
फिर से तुम्हारी
अपनी पहचान
रेखा जोशी
Read Comments