Menu
blogid : 9626 postid : 704476

वह शर्मीला चाँद -प्रणय काव्य contest

Zindagi Zindagi
Zindagi Zindagi
  • 319 Posts
  • 2418 Comments

सुन्दर
सलोना
नभ पर
बादलों के
झरोखों से
झाँक रहा
वह शर्मीला चाँद

शीतल
चांदनी
मदमस्त पवन
संग संग
मेरे
चल रहा
वह शर्मीला चाँद

लो वह
उतर आया
धरा पर
बन प्रियतम
देख
सामने
हर्षाया मन
खेल रहा
मेरे संग
आँख मिचोली
वह शर्मीला चाँद

पिया मिलन
है चांदनी रात
हाथों में लिये हाथ
ओढ़े आँचल
हया का
खिड़की से
मुस्कुराया
वह शर्मीला चाँद

रेखा जोशी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply