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बहार -[कविता] -Contest

Zindagi Zindagi
Zindagi Zindagi
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मेरे जीवन में तुम आ जाना ;
बन के बहार छा जाना
दूँढू तुझे इन गलियों में ;
देखूं तुझे इन कलियों में
इन्ही राहों को महकाते हुए
सूनी बाँहों में तुम आ जाना
मेरे दिल में है धडकन तेरी
मेरी आँखों में तेरे आंसू है
मैं तुझमे समां जाऊं
तू मुझमे समां जाना

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