Menu
blogid : 9626 postid : 355

अर्धांगिनी [लघु कथा ]

Zindagi Zindagi
Zindagi Zindagi
  • 319 Posts
  • 2418 Comments

आरती और वैभव के बीच में कल रात से ही झगड़ा चल रहा था ,मुद्दा वही उपर की आमदनी का ,जिसे आरती अपने घर में कदापि भी खर्च करना नही चाहती थी | वैभव ने अपनी पत्नी आरती को पैसे की अहमियत के बारे में बहुत समझाया और बताया कि उसके दफ्तर में सब मिल बाँट कर खातें है लेकिन आरती के लिए रिश्वत तो पाप कि कमाई थी , वैभव के लाख समझाने पर भी जब आरती नही मानी तो गुस्से में उसने आरती से साफ़ साफ़ कह दिया था कि अगर आरती ने इस मुद्दे पर और बहस की तो वह उससे सदा के लिए सम्बन्ध विच्छेद कर लेगा ,बात बढ़ती देख आरती खामोश हो गई और मेज़ पर रखा हजार का नोट उठा कर उसे एक सफेद लिफाफे में डाल कर अपने घर में बने छोटे से मंदिर में रख दिया और भारी मन से रसोई में व्यस्त हो गई |तभी उसे बाहर आंगन में माली कि आवाज़ सुनाई दी ,जो वैभव से कुछ दिनों की छुट्टी मांग रहा था और उसे अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए कुछ रुपयों की जरूरत थी ,आरती ने झट से मंदिर से सफेद लिफाफा उठाया और माली के हाथ में थमा दिया |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply