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अस्मिता ,कितनी सुरक्षित JagranJunction Forum

Zindagi Zindagi
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देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाने में जुटी भारतीय नारी ,घर परिवार को सम्भालने वाली भारतीय नारी ,परिवार ,समाज ,देश और संसार का एक महत्वपूर्ण अंग, क्या सच में स्वयं को आज असुरक्षित महसूस कर रही है ?दुर्गा ,रानी लक्ष्मीबाई की इस धरती पर कई वीरांगनाए पैदा हुई है और होती रहें गी \ इस दुनियां में आने के बाद हर बच्चे को माता पिता के संरक्षण की आवश्यकता होती है लेकिन यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, शक्ति की पूजा करने वाले इस देश में शुरू से बेटे और बेटी में भेदभाव किया जाता है और यहीं से शुरूआत हो जाती है अस्मिता की असुरक्षा \ अपने को असहाय और कमजोर समझने की नीव तो बचपन में ही पड़ जाती है \परिवार और समाज उस पर पानी डाल कर उसे और मजबूत बनाने में अपना पूरा पूरा योगदान देते आ रहे है\ नारी जब तक बेटी और बहन होती है तब तक उसकी सुरक्षा का भार पिता और उसके भाई पर होता है ,शादी के बाद उसका पति उसकी सुरक्षा का भार वहन करता है \ परिवारों में संस्कारों की कमी ,बेटियों में मां बाप के पूर्ण प्यार का आभाव उन्हें निरंतर यह एहसास दिलाता रहता है कि उनमे कुछ कमी है , जिसका फायदा परिवार और समाज में घिनौनी मानसिकता वाले लोगों को खूब उठाना आता है \ यहाँ तक कि कभी कभी तो रक्षक ही भक्षक बन जाते है \कई बार अख़बारों कि सुर्ख़ियों में अक्सर बाप द्वारा अपनी ही बच्ची के साथ बलात्कार ,भाईओं दवारा अपनी ही बहनों का शोषण ,पति अपनी अर्धांगिनी की दलाली खाने के समाचार छपते रहते है और उनके कुकर्म का पर्दाफाश न हो सके इसके लिए बेचारी नारी को यातनाये दे कर,ब्लैकमेल कर के उसे अक्सर दवाब में जीने पर मजबूर कर दिया जाता है \अपने ही परिवार से जन्मी असुरक्षा का बोझ ले कर जब नारी घर से बाहर कदम रखती है तो उसके आस पास छुपे भेडियो और गिद्धों का कब शिकार बन जाये ,वह स्वयं नहीं जान पाती ,और तो और कई महिलाये भी इस घृणित कार्य में संलग्न है \ पाश्चात्य सभ्यता का अंधाधुन्द अनुसरण भी एक कारण है ,नारी के असुरक्षित होने का\ ,उनका पहनावा ,स्वछंद सोच ,और जैसा की आजकल का चलन होता जा रहा है ,लिव इन रिलेश्न्शिप्ज़ का , जो की अपराध को खुलेआम चुनौती दे रहे है \हमारे परिवार अगर अपनी बेटी में बेटों सा आत्मविश्वास पैदा कर सकें ,उन्हें मार्शल आर्ट्ज़ की ट्रेनिग प्रदान कर सकें ताकि कुछ हद तक वह अपनी सुरक्षा अपराधिक मानसिकताओं वाले जंगलियों से कर सकें \सही मायने में यही नारी का स्शाक्तिकरण है ,जब दिल में हो हौसला ,तो मंजिले खुद ब खुद करीब आ जाती है\हमारे समाज और हमारे देश में अपराधिक तत्वों की कमी नहीं है ,उनकी घिनौनी ,घटिया मानसिकता से ,आये दिन कई अबोध बचिच्यां , महिलाये यहाँ तक कि कई अधेड़ महिलाएं भी नहीं बच पाती\हाल ही में हरियाणा पुलिस ने पंजाब कि तरह एक एक्ट लगा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है \यह कितना अजीब एक्ट है ,क्या रात के आठ बजे से पहले अपराधियों की घटिया सोच उन्हें इस तरह का घिनौना कृत्य करने से रोक पाये गी \मानसिक विकृति वाले लोगों का यां तो इलाज होना चाहिए और अपराध कने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि आगे से इस तरह का घृणित कार्य करने से लोग डरें\

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